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महाराणा प्रताप और उनकी प्यारी पुत्री चम्पा

महाराणा प्रताप और उनकी प्यारी पुत्री चम्पा बङे-बङे राजपुत राजाओ ने अकबर के सामने सिर झुका दिया था ओर उसकी अधिनता स्वीकार कर ली थी;किँतु महाराणा प्रताप ही ऐसे थे जो अकबर के आगे कभी झुके नही।उन्होने बङे बङे कष्ट उठाये,किँतु हिँदुकुल के गौरव को सुरक्षित रखा।इन्ही हिँदु-कुल-सुर्य महाराणा प्रताप की प्यारी पुत्री का नाम चम्पा था।अकबर की सेना ने चितौङ पर अधिकार कर लिया था।महाराणा जी अरावली पर्वत की घाटियो गुफाओ ओर वनो मे अपने परिवार के साथ भटकते फिर रहै थे।महारानी ओर राजकुल कै सुकुमार बालक पता नही कितना कष्ट उठा रहे थे। लेकिन अपने धर्म ओर देश की स्वतँत्रता तधा गौरव के लिऐ महाराणा पुरे पचीस वर्ष यह अपार कष्ट उठाया।इस कठिन समय मे महाराणा को बच्चो के साथ दिनभर पैदल घुमना पङता था।रात को भुमि पर या चट्टानो पर वे सोते थे।बहुधा बच्चो को उपवास करना पङता था।तीन चार चार दिनो पर कही जँगली बेर ओर घास की रोटियाँ मिल पाती थी।कयी बार ऐसा अवसर आता था कि वे घास रोटियाँ भी बनाते बनाते छोङना पङता था।एक बार एक अतिथि महाराणा के यहा आए महाराणा चिँता मे पङ गये की क्या किया जाए नही तो मेहमान भुखा जाएगा।चम्पा ने पिता को दुखी देखकर कहा पिताजी मैने मैरे हिस्से की दो रोटियाँ बचा रखी है।उन रोटियो को चम्पा ने पिताजी को दी ओर अतिथि का मान भी रख लिया।चम्पा हमेशा खुद भुखी रहकर अपने भाई के लिए रोटी बचाती थी।ऐसा कर करके वो शुख चुकी थी ओर एक दिन बेहोश होकर गीर पङी।महाराणा ने उसे गोद मे लेकर कहा बेटी मैँ अब आप लोगो को ज्यादा कष्ट नही दे सकता इसलिए मैने अकबर को पत्र लिख दिया है।चम्पा को एकदम होश आया वो पिताजी से बोली या क्या कर रहै हे आप हमे मरने से बचाने के लिए आप अकबर के दास बनेगे?पिताजी क्या हम सब कभी मरेगे नही?पिताजी देश को निचा मत दिखाइये!देश ओर जाति की गौरव रक्षा के लिये लाखो लोगो का मर जाना भी उतम हि है।पिताजी आपको मैरी शपथ है आप अकबर की अधिनता कभी ना माने।चम्पा बोलते बोलते ही महाराणा की गोद मे उसने दम तोङ दिया था।वो कैवल ग्याहर साल की थी पर एक सच्चे राजपुत की बेटी थी ।महाराणा ने चम्पा की मौत से सबक लिया ओर अकबर की अधिनता को स्वीकार नही किया।ऐसी बेटियो को सत सत नमन जो एक पिता को मर कर भी समझा गयी की झुकना नही है॥